दो साल से मुंह में कैंसर से अनजान मरीज की सही समय पर सर्जरी कर उसे बचा लिया गया। मुंह का कैंसर इतना बढ़ चुका था कि गले तक फैल गया था। शहर के रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल के ईएनटी विभाग की टीम ने कमांडो नाम की जटिल सर्जरी कर मरीज का कैंसर ट्यूमर निकाला और उसे नया जीवन दिया। हॉस्पिटल के ईएनटी सर्जन डॉ. विजय शर्मा, डॉ. राहुल नाहर और डॉ. शिवम शर्मा ने इस जटिल सर्जरी को अंजाम दिया।
दो साल से मुंह का कैंसर – डॉक्टर्स ने बताया कि रशीद खान (परिवर्तित नाम) को पिछले दो साल से मुंह का कैंसर था जिसके बारे में उसे पता तक नहीं था। मुंह के छाले के इलाज के लिए वह जगह जगह गया लेकिन उसके ठीक न होने पर उसने यहां रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल के ईएनटी विशेषज्ञों से परामर्श लिया। मरीज की बायोप्सी की गई तो उसमें कैंसर की पुष्टि हुई।
6 घंटे तक चली जटिल सर्जरी – इलाज के लिए मरीज की सर्जरी करने का निर्णय लिया गया। डॉ. विजय शर्मा , डॉ. राहुल नाहर एवं डॉ. शिवम शर्मा के साथ प्लास्टिक सर्जन डॉ. अमरीश गुप्ता भी इस सर्जरी में शामिल हुए। डॉक्टर्स ने करीब छह घंटे की सर्जरी में मरीज के जबड़े व गले में से कैंसरस ट्यूमर को निकाला और गाल व जबड़े को दोबारा जोड़ दिया। ऑपरेशन में मरीज का आधा जबड़ा और गर्दन में से गांठ निकाली गई। निकले हुए हिस्से को छाती की त्वचा लेकर जबड़े के हिस्से पर लगाया गया। (PMMC Flap)
सर्जरी में थी काफी चुनौतियां – डॉ. विजय ने बताया कि इस ऑपरेशन में काफी चुनौतियां होती हैं। इसमें कंधे की नस, बोलने की नसें, श्वास नली और भोजन नली के क्षतिग्रस्त होने का खतरा होता है। इसीलिए सर्जरी के दौरान धैर्य से इन्हें बचाते हुए कैंसर से ग्रस्त हिस्से को निकालना होता है। ऑपरेशन के बाद मरीन को 24 घंटे के लिए आईसीयू में रखा गया। केस को सफल बनाने में डॉ. अतुल पुरोहित, डॉ. रुचि एवं डॉ. अमित का खास सहयोग रहा।
विश्व में मुंह के कैंसर के सबसे अधिक मामले भारत में – डॉक्टर्स ने जानकारी दी कि भारत में सभी प्रकार के कैंसर रोग में 30 से 40 प्रतिशत मामले मुंह और गले के कैंसर के होते हैं। विश्व में हर साल मुंह के कैंसर के सबसे ज्यादा केस भारत में पाए जाते हैं। यदि कोई भी मुंह का छाला जो 2 हफ्ते से ज्यादा समय तक दवाइयों से ठीक नहीं हो रहा है तो मरीज को कैंसर की जांच करवानी चाहिए।