पवित्र अवसर पर आस्था की अभिव्यक्ति
गुरु पूर्णिमा का दिन भारतीय संस्कृति में गुरु के सम्मान का प्रतीक है। इसी पावन अवसर पर कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जो कि झोटवाड़ा के विधायक और राजस्थान के कैबिनेट मंत्री हैं, झारखंड महादेव मंदिर पहुंचे। यह यात्रा केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं थी, बल्कि समाज और जनता से जुड़ाव का प्रतीक भी रही।
विधिपूर्वक पूजा और श्रद्धा
मंदिर पहुंचने पर कर्नल राठौड़ ने पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की और भगवान शिव का आशीर्वाद लिया। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने वातावरण को और भी भक्तिमय बना दिया। उनकी मौजूदगी से लोगों में उत्साह और ऊर्जा की लहर दौड़ गई।
स्वच्छता और व्यवस्था पर विशेष ध्यान
पूजा के बाद उन्होंने मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और सफाई एवं व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने मंदिर समिति से बातचीत कर सुझाव भी दिए, जिससे भविष्य में श्रद्धालुओं को और बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
सेवा भाव से संवाद
राजस्थान के कैबिनेट मंत्री होने के नाते, कर्नल राठौड़ ने मौके का लाभ उठाते हुए स्थानीय नागरिकों से संवाद किया। उन्होंने क्षेत्र में चल रही जनकल्याण योजनाओं की जानकारी ली और जन समस्याओं को भी ध्यानपूर्वक सुना। साथ ही मंदिर समिति को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
नेतृत्व का सशक्त उदाहरण
भाजपा राजस्थान के वरिष्ठ नेता के रूप में कर्नल राठौड़ हमेशा से राजनीति को सेवा का माध्यम मानते आए हैं। उनका मंदिर आना, आमजन से बात करना और सुझावों को सुनना यह दर्शाता है कि वे केवल नेता नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदार प्रतिनिधि भी हैं। उनका व्यवहार और दृष्टिकोण लोगों के बीच उन्हें ‘लीडर इन एक्शन’ बनाता है।
निष्कर्ष: एक प्रेरणादायक पहल
गुरु पूर्णिमा पर झारखंड महादेव मंदिर की यह यात्रा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक जुड़ाव का भी प्रतीक बनी। कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दिखाया कि एक जनप्रतिनिधि को जनता के बीच रहकर उनके सुख-दुख में भागीदार बनना चाहिए। यह उनकी सेवा भावना, नेतृत्व और संस्कार का अद्भुत संगम था।
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