Thursday, October 30, 2025

मानसून में बीमारियों का जोखिम कम करने के उपाय

भले ही मानसून आपको भीषण गर्मी से राहत दे रहा हो लेकिन सच यह भी है कि इस मौसम में कई तरह की बीमारियां सक्रिय हो जाती हैं। अपने दैनिक जीवन में छोटी छोटी सावधानी बरतने से आप और आपका पूरा परिवार इन बीमारियों से खुद का बचाव कर सकता है। नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के आंतरिक चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ सलाहकार और चर्चित स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सुरंजीत चटर्जी ने लोगों को छोटे छोटे टिप्स दिए हैं जिनके जरिए मानसून में बचाव किया जा सकता है।  डॉ. चटर्जी बताते हैं कि बढ़ी हुई नमी, जगह-जगह जमा गंदा पानी और सफाई में कमी ऐसे हालात पैदा करते हैं जिनमें संक्रमण तेजी से फैलते हैं। इस मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफॉयड, हैजा, पीलिया और गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसी बीमारियां आम हो जाती हैं। हालांकि, सही सावधानियों के साथ इनमें से ज्यादातर बीमारियों से बचा जा सकता है।

एक सवाल पर उन्होंने सबसे जरूरी एहतियात के बारे में कहा, ठहरे हुए पानी से खुद का बचाव करना। उन्होंने कहा कि कूलर, गमले, ट्रे या खुले स्थानों में जमा पानी मच्छरों के प्रजनन का आदर्श स्थान बनता है, जो डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों को फैलाते हैं। ऐसे सभी बर्तनों को नियमित रूप से खाली करना, पानी की टंकियों को ढंकना और आसपास की सही निकासी सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मच्छरों से बचाव के उपाय भी बेहद अहम हैं। उदाहरण के तौर पर मच्छररोधी क्रीम का उपयोग, पूरी बांह के कपड़े पहनना, दरवाजों-खिड़कियों पर जाली लगवाना और मच्छरदानी में सोना इनसे बचाव के प्रभावी उपाय हैं।

डॉ. चटर्जी का कहना है कि प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करना भी इस मौसम की बीमारियों से बचाव में बेहद उपयोगी होता है। अपने आहार में पपीता, आंवला, संतरा जैसे मौसमी फल शामिल करें, साथ ही अदरक, लहसुन और हल्दी जैसे प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर्स का उपयोग करें। गर्म सूप, हर्बल चाय और काढ़ा पीना फायदेमंद हो सकता है। दही जैसे प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ पाचन को बेहतर बनाते हैं, और पर्याप्त पानी पीना व नींद लेना शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखते हैं।

व्यक्तिगत स्वच्छता को लेकर डॉ. चटर्जी का कहना है कि ध्यान मानसून में कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। रोजाना स्नान करें और शरीर, खासकर त्वचा की सिलवटों को सूखा रखें ताकि फंगल संक्रमण से बचा जा सके। गीले कपड़े तुरंत बदलें, खाने से पहले और खाना बनाते समय हाथ अच्छी तरह धोएं और बाहर हों तो हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। इसके अलावा, कपड़ों और जूतों का चयन सोच-समझकर करें। उदाहरण के तौर पर वाटरप्रूफ जूते पहनें ताकि गंदे पानी से फंगल संक्रमण न हो, और छाता या रेनकोट का उपयोग करें ताकि आप सूखे और गर्म रह सकें।

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