प्रवासी भारतीय रवि गोपीलाल टाक रवि विगत 20 वर्षों से विदेश में हैं वे अधिकांश समय करीब चार माह अमेरिका और शेष समय थाईलैण्ड में बिताते है। हाल ही में उन्होंने अपने पिता की स्मृति में एक शॉर्ट फिल्म सन देश का निर्माण किया है जिसे 12 अगस्त को यूट्यूब सहित फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और हंगामा प्ले चैनल पर लॉन्च किया जा रहा है।
श्री रवि टाक बताते है ……वर्ष 2015 में उनके पिता श्री गोपीलाल टाक का निधन हो जाना रवि को जितना विचलित नहीं करता उतना विचलित करता है अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करना। श्री गोपाल टाक की आखिरी ख्वाहिश मुम्बई देखने की थी, लेकिन वे कभी मुम्बई नहीं देख सके। रवि को यही बात सालती रहती थी।
अपने पिता की ख्वाहिश को पूरा करने के लिए सन देश फिल्म की पटकथा पर काम चालू हुआ। जैसा कि स्वाभाविक है इसमें अन्य पात्रों की तलाश शुरू की गई तब पद्मावत फिल्म में काम कर चुके विभव राय को साइन किया गया, उनके साथ बॉलीवुड में कई फिल्मों में किरदार निभा चुके बचन पचारिया और मुश्ताक खान को साइन किया गया। फिल्म के प्रमुख पात्र को एक सैनिक के रूप में पेश किया गया है जिसमें बताया गया है कि एक सैनिक अपने कर्तव्य निर्वहन को किस प्रकार निभाता है। यह सैनिक अपने पिता के अस्थि कलश के साथ मुम्बई के विभिन्न स्थानों पर जाता है और इस अस्थि कलश रूपी पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करता है। पूरे 11-12 मिनट के इस वृत चित्र में काफी मार्मिक क्षणों को बखूबी उकेरा है निदेशक रवि गोपाल टाक ने।
कहते हैं न जहां चाह वहां राह, रवि अपने पिता की इच्छा को तो उनके जीवित रहते पूरा नहीं कर पाए, लेकिन विगत दिनों वे अपने पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए अपने पिता का अस्थि कलश लेकर मुम्बई आ गए, फिल्म नगरी में आने के बाद उनकी इच्छा पिता की स्मृति को सेलुलाइड पर उतारने की हुई। उन्होंने मुम्बई पुलिस महानिदेशक से जूहू बीच पर इस फिल्म सन देश को पिक्चराइज करने की इजाजत चाही। उन्होंने रवि की कहानी और स्क्रिप्ट को सुना, और उन्हें जुहू पर शुटिंग करने की इजाजत देदी, अमुमन इस तरह की इजाजत लेने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है।
फिल्म का निर्देशन एवं कहानी रवि जी टाक किया है वहीं निर्माता शान्ति देवी टाक, रेशु प्रियंका टाक और मधु संजय टांक हैं मुख्य पात्रों में रवि गोपाल टांक, वैभव रॉय, बच्चन पचारिया, मुश्ताक खान, क्रिएटिव डायरेक्टर पराग नाबरिया डीओपी जय भानशाली सम्पादन हरवीर सिंह पाल, मधु पवार, मनोज सिंह तथा स्क्रीन प्ले सैम और लाइन प्रोड्यूसर हैं पिक्चर एन साउण्ड मीडिया।