महानवमी 2025 पर कर्नल राठौड़ का संदेश – शक्ति और समाज सेवा का संकल्प

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Rajyavardhan singh rathore and PM narendar modi

भारत की संस्कृति और परंपराएँ हमें हमेशा सत्य, साहस और सेवा की शिक्षा देती हैं। नवरात्रि का पर्व इन्हीं मूल्यों को याद करने का अवसर है। महानवमी, नवरात्रि का नवां दिन, शक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा होती है, जिन्हें शक्ति, ज्ञान और सफलता की देवी कहा गया है।

इसी अवसर पर राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री और झोटवाड़ा से भाजपा विधायक कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने प्रदेशवासियों और देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि महानवमी हमें समाज सेवा, राष्ट्र निर्माण और सकारात्मक बदलाव के लिए संकल्पित होने का अवसर देती है।

 

कर्नल राठौड़ का प्रेरक संदेश

कर्नल राठौड़ ने अपने संदेश में कहा कि:

“महानवमी केवल पूजा और अनुष्ठान का पर्व नहीं है। यह हमें यह याद दिलाती है कि शक्ति तभी सार्थक है जब उसे समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए लगाया जाए। इस अवसर पर हर नागरिक को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश की प्रगति और समाज की भलाई के लिए निरंतर कार्य करेंगे।”

उनका यह संदेश न केवल धार्मिक श्रद्धा को व्यक्त करता है, बल्कि यह युवाओं और नागरिकों को कर्तव्यबोध और राष्ट्रहित की ओर प्रेरित करता है।

शक्ति और समाज सेवा का महत्व

राठौड़ ने कहा कि महानवमी हमें तीन प्रमुख संदेश देती है:

  1. शक्ति (Power) – कठिनाइयों और चुनौतियों से लड़ने का साहस।
  2. श्रद्धा (Devotion) – ईश्वर और राष्ट्र के प्रति समर्पण।
  3. सेवा (Service) – समाज और जरूरतमंदों की मदद करने का संकल्प।

उन्होंने विशेष रूप से युवाओं से कहा कि “आपकी शक्ति शिक्षा, खेल और अनुशासन में है। इस शक्ति का उपयोग व्यक्तिगत सफलता के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में भी होना चाहिए।”

कैबिनेट मंत्री के रूप में राठौड़ की दृष्टि

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ केवल एक जनप्रतिनिधि ही नहीं, बल्कि राजस्थान सरकार में पाँच महत्वपूर्ण मंत्रालयों का नेतृत्व कर रहे हैं:

  • सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग
  • उद्योग एवं वाणिज्य विभाग
  • युवा मामले एवं खेल विभाग
  • कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग
  • सैनिक कल्याण विभाग

इन मंत्रालयों के माध्यम से उनका प्रयास है कि राजस्थान के हर वर्ग को विकास के अवसर मिलें। चाहे वह युवा हों, खिलाड़ी हों, उद्योगपति हों या सैनिक परिवार, हर किसी को समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण का हिस्सा बनाया जाए।

युवाओं के लिए संदेश

कर्नल राठौड़ ने महानवमी 2025 पर युवाओं से विशेष रूप से संवाद किया। उन्होंने कहा कि:

  • खेलों से मिली अनुशासन और धैर्य की शिक्षा जीवन को सही दिशा देती है।
  • कौशल विकास और प्रशिक्षण से ही रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसर खुलते हैं।
  • तकनीकी शिक्षा और डिजिटल साधनों का उपयोग भविष्य निर्माण के लिए होना चाहिए।
  • युवाओं को संस्कृति और परंपरा से जुड़े रहकर भी आधुनिक भारत का नेतृत्व करना चाहिए।

राष्ट्र निर्माण में संस्कृति की भूमिका

कर्नल राठौड़ ने कहा कि नवरात्रि और महानवमी जैसे पर्व हमें यह सिखाते हैं कि धर्म और संस्कृति केवल पूजा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह हमें समाज सेवा और राष्ट्रहित के लिए प्रेरित करते हैं।

उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस पर्व पर निम्न संकल्प लें:

  • स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को जीवन का हिस्सा बनाएं।
  • शिक्षा को हर बच्चे तक पहुँचाने का प्रयास करें।
  • जरूरतमंदों और कमजोर वर्गों की सहायता करें।
  • समाज में सद्भाव, एकता और सकारात्मक सोच को बढ़ावा दें।

राष्ट्रीय दृष्टिकोण से महत्व

कर्नल राठौड़ का यह संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस दृष्टि से जुड़ा है, जिसमें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र (Viksit Bharat 2047) बनाना है।

  • Skill India Mission और Startup India से युवाओं को सशक्त करना।
  • Digital India से ग्रामीण और शहरी भारत के बीच का अंतर मिटाना।
  • Make in India से उद्योग और रोजगार बढ़ाना।

इस प्रकार महानवमी का संकल्प केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय विकास का हिस्सा भी है।

जनता की प्रतिक्रिया

झोटवाड़ा और जयपुर क्षेत्र के नागरिकों ने राठौड़ के इस संदेश का स्वागत किया।

  • युवाओं ने कहा कि यह संदेश उन्हें खेल, शिक्षा और करियर में और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है।
  • अभिभावकों और शिक्षकों ने माना कि यह बच्चों को संस्कार और अनुशासन से जोड़ने का सही अवसर है।
  • व्यापारियों और समाजसेवियों ने इसे समाज में सकारात्मक बदलाव का संदेश बताया।

निष्कर्ष

महानवमी 2025 पर कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का संदेश सिर्फ शुभकामना नहीं, बल्कि एक संकल्प और आह्वान है। उनका कहना है कि हर नागरिक को शक्ति और श्रद्धा को समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में लगाना चाहिए।

इस तरह, यह पर्व हमें याद दिलाता है कि धार्मिक आस्था और राष्ट्रीय कर्तव्य साथ-साथ चलते हैं। राठौड़ का यह संदेश राजस्थान और पूरे भारत के लिए प्रेरणा है।

जुड़े रहें कर्नल राठौड़ के साथ

 

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