एक मां जब आर्थिक रूप से पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाती है तो उनकी जिम्मेदारियां कहीं अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में इमरजेंसी की स्थिति में प्राइमरी फर्स्ट एड एवं सी पी आर की जानकारी भी उन्हें होनी चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शहर के रुकमणी बिरला हॉस्पिटल में एक अनोखा कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें ऐसी महिलाओं को फर्स्ट एड एवं सी पी आर की ट्रेनिंग दी गई जो आर्थिक रूप से पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं और पुरुष प्रधान कार्यों को करते हुए महिला सशक्तिकरण की मिसाल दे रही हैं।
इस दौरान रुकमणी बिरला हॉस्पिटल के कंसल्टेंट एंड हेड इमरजेंसी डॉ. गौरव भार्गव ने महिलों को प्राइमरी फर्स्ट एड एवं सी पी आर ट्रेनिंग दी। उन्होंने महिलाओं को चोट लगने पर खून बहने से रोकना, उस पर सही तरीके से पट्टी करना, बेहोश होने पर दिया जाने वाला प्राइमरी ट्रीटमेंट की ट्रेनिंग दी। इस ट्रेनिंग सेशन में 30 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर हॉस्पिटल के वाइस प्रेसिडेंट अनुभव सुखवानी ने इस आयोजन को महिलाओं के लिए बेहद आवश्यक बताया।
हॉस्पिटल की मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ. सुहासिनी जैन ने कहा कि महिलाओं को फर्स्ट एड एवं सी पी आर की प्राइमरी ट्रेनिंग होना बहुत जरूरी है क्योंकि घर में किसी भी तरह की इमरजेंसी होने पर उस स्थिति से निपटने के लिए महिलाओं को जानकारी होनी चाहिए। अब तो महिलाओं की सहभागिता वर्किंग प्रोफेशनल में भी काफी बढ़ गई है इसीलिए फर्स्ट एड एवं सी पी आर की ट्रेनिंग हर महिला को होनी चाहिए। हेड सेल्स एंड मार्केटिंग सचिन सिंह ने कहा कि रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल द्वारा भविष्य में भी इस तरह की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।