दो साल पहले ब्लैक फंगस की गंभीर समस्या से ग्रसित हुए 25 वर्षीय सुमित (परिवर्तित नाम) को सर्जरी कर इस जानलेवा बीमारी से तो बचा लिया गया। लेकिन इस सर्जरी में उनका आधा ऊपर का जबड़ा व तलवा हटाना पड़ा। इस कारण उन्हें बोलने में अस्पष्टता व खाना निगलने की समस्या से जूझना पड़ रहा था।
ऐसे में शहर के सी के बिरला हॉस्पिटल के सीनियर ओरल सर्जन डॉ. अनुरूप राय ने एक जटिल सर्जरी करके उनके मुंह के आंतरिक संरचना को वापस पहले की तरह सामान्य कर दिया।
तालू के हट जाने से मरीज की नाक में चला जाता था भोजन – डॉ. अनुरूप राय ने बताया कि मरीज को तालू के सॉफ्ट टिश्यू और हड्डी के हटने के कारण भोजन करने में बहुत दिक्कत होती थी। मरीज का भोजन नाक में चला जाता था और नेजल डिस्चार्ज मुंह में आ जाता था। पहले किए गए ऑपरेशन के दौरान लगाई प्लेट बार-बार हटाने और लगाने से इन्फेक्शन भी होता था। इन सभी कारणों से उनकी दोबारा सर्जरी कर एक फिक्स इंप्लांट लगाने का निर्णय लिया गया।
सर्जरी से पहले 3डी मॉड्यूल बना कर की गई प्लानिंग – मरीज की सर्जरी से पहले काफी गहनता से प्लानिंग की गई। सर्जरी से पहले मरीज का इंट्रा ओरल स्कैन एवं सीटी स्कैन किया गया। इनको डिजिटली जोड़ कर एक 3डी मॉड्यूल बनाया गया और अंदरूनी संरचना की समीक्षा की गई। जिसने दंत चिकित्सा विभाग के डॉ दिव्यरूप रॉय और डॉ जया पुरेवाल ने सहयोग किया। डॉ. अनुरूप राय ने जानकारी दी कि जब मरीज के मुंह की अंदरूनी संरचना की स्पष्ट स्थिति मालूम हुई तो उन्होंने मरीज के लिए कस्टमाइज्ड टाइटेनियम इंप्लांट बनावाया और उसका 3डी मॉड्यूल पर ट्रायल करके देखा। जब वह बिल्कुल सही लगा तो करीब ढाई घंटे की सर्जरी करके इंप्लांट पूरी तरह फिट कर दिया। सर्जरी का कोई भी निशान चेहरे पर नहीं है और अब वह सामान्य जीवन जी पा रहा है।