डिजायर एनर्जी ने अपने वार्षिक दिवस समारोह के पानी की कमी पर स्थानीय एक होटल में पैनल डिस्कशन का आयोजन किया। इस पैनल में इज़राइली दूतावास में जल अताशे, डॉ लियोर आसफ, इज़राइल दूतावास के जल विशेषज्ञ श्री गहलावत; नमामि गंगे की प्रतिनिधि श्रीमती कृतिका गहलावत, श्री अर्पित चतुर्वेदी, ग्लोबल पॉलिसी इनसाइट्स के को फाउण्डर और सीईओ, पत्रकार एचं चिंतक राजकिशोर तिवारी, एनवायरमेंटलिस्ट पूरवी झवेरी सहित अन्य विशेषज्ञों लोगों ने भाग लिया तथा जल संकट से निपटने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। इस सम्मेलन के माध्यम से, डिज़ायर एनर्जी प्रा.लि. का उद्देश्य पानी की कमी से निपटने के लिए सार्थक संवाद को बढ़ावा देना और स्थायी जल प्रबंधन समाधानों के लिए सहयोग को बढ़ावा देना है।
पैनल डिस्कशन में यह बात उभर कर आई कि भारत नदियों के मामले में काफी समृद्ध देश रहा है लेकिन अब यहां से पानी का भंडार धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है. वहीं इस देश में वेस्ट वॉटर यानि खराब पानी की मात्रा दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. हाल ही में काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरनमेंट एंड वॉटर के एक स्वतंत्र अध्ययन ‘रीयूज ऑफ ट्रीटेड वेस्टवॉटर इन इंडिया में दी गई जानकारियां बेहद चौंकाने वाली हैं. यह न केवल दो साल बाद भारत में पैदा होने जा रहे जलसंकट की ओर इशारा करती है साथ ही वेस्टवॉटर की बढ़ रही मात्रा को भी बता रही है। जहां तक ऊर्जा का सम्बन्ध है हमारे पास पर्यावरण अनुकूल बदलावों के लिए बहुत अच्छी योजना है। लेकिन पानी के मामले में हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। बढ़ते जल संकट के साथ यह संसाधन कहीं ज्यादा मूल्यवान होता जा रहा है।
भारत में इजरायली दूतावास में जल विशेषज्ञ डॉ. लियोर आसफ का यह भी कहना था कि जलवायु में आते बदलाव इस संकट को और बढ़ा रहे हैं। पानी को लेकर की गई संधियां इससे जुड़े राजनैतिक संघर्षों को तो हल कर सकती हैं, लेकिन हम जिस तरह से इस संसाधन का दोहन, उपभोग और प्रबंधन कर रहे हैं या किस तरह से स्वच्छता से जुड़ी प्रणालियों के विषय में योजनाएं बनाते हैं वो उनमें मौलिक रूप से जरूरी बदलाव की आवश्यकता से नहीं निपटेंगी।
उन्होंने बताया कि आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से इजरायल हालांकि एक छोटा देश है, लेकिन जल संसाधनों के अनुकूलन के लिहाज से जो ज्ञान उनके पास है वह अवश्य तौर पर भारत के लिए लाभकारी हो सकता है। उन्होंने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से इजराइल के जल प्रबन्धन की जानकारी दी। उन्होंने भारत के जल जीवन मिशन जैसे प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए कहा कि इसकी सफल क्रियान्विति डिजायर एनर्जी जैसे संगठनों की सहभागिता पर निर्भर है। जहां तक इजराइल का प्रयास है वह भारत के साथ मिल कर विश्व की जल समस्या पर काम करना चाहेगा।
आगन्तुको का स्वागत करते हुए डिजायर एनर्जी प्रा.लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर गौरव गुप्ता ने भारत को पानी से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के समाधानों पर चर्चा की तथा स्मार्ट वॉटर मैनेजमेंट पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र और जल प्रबन्धन पर टेक्नोलाजी की भूमिका तथा वैश्विक जल संकट के उबरने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर भी जोर दिया।
इजरायली दूतावास में वरिष्ठ जल संसाधन विशेषज्ञ नीरज गहलावत ने इजरायल और भारत के बीच भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालने के साथ ही वॉटर टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण के माध्यम से अन्य देशों को इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने में किस प्रकार मदद की जा सकती है इस बात की जानकारी दी।
ग्लोबल पॉलिसी इनसाइट के को फाउण्डर अर्पित चतुर्वेदी ने वैश्विक जल संकट से निपटने के लिए पॉलिसी दायरे की आवश्यकता प्रतिपादित की तथा आर्थिक विकास तथा सस्टेनेबल वॉटर मैनेजमेंट पर अपने विचार व्यक्त किए।
यूएन वाटर कॉन्फ्रेंस 2023 में एनवायरमेंटल माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. पूर्वी झवेरी और वरिष्ठ पत्रकार एवं कॉलमिस्ट राजकिशोर तिवारी ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।
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जल और स्वच्छता विभाग और जल संसाधन नदी विकास और गंगा रिजुवेनेशन विभाग को मिलाकर जल शक्ति मंत्रालय को 86,189 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। जो पिछले वित्तीय वर्ष के बजट से 12 फ़ीसदी अधिक है। इसमें से अधिकांश बजट जल जीवन मिशन कार्यक्रम को दिया गया है।
केंद्रीय बजट में अगर हम पानी की बात करें तो स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए 7192 करोड़ रुपये, जल जीवन मिशन के लिए 70,000 करोड़ का बजट आबंटित है। वहीं देश की नदियों को जोड़ने के लिए 3,500 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में है। साथ ही अटल भूजल योजना के लिए 1000 करोड़, नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के लिए 500 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 8587 करोड़ पर आवंटित किए गए हैं।